*यह तो बात सही है सबको, जग से जाना होता है (हिंदी गजल)*
यह तो बात सही है सबको, जग से जाना होता है (हिंदी गजल)
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1)
यह तो बात सही है सबको, जग से जाना होता है
जाने से पहले पर क्या-क्या, कष्ट उठाना होता है
2)
शरशैया पर भीष्म पितामह, तो मर्जी से लेटे थे
मजबूरी में आम-जनों को, नरक बिताना होता है
3)
काया में सौ रोग छिपे हैं, कब उभरें कब छा जाऍं
बड़ी समस्या अस्पताल से, छुट्टी पाना होता है
4)
खिले हुए फूलों को मैंने, जब पेड़ों पर देखा था
पता चला किस्मत में इनकी, बस मुरझाना होता है
5)
फैशन के पीछे भागे तो, अंतहीन ही दौड़ोगे
दुनिया-भर का सारा फैशन, रोज पुराना होता है
6)
चाहे जैसे गाया जाए, लेकिन सारी दुनिया में
सबसे अच्छा मॉं के मुख से, लोरी गाना होता है
7)
बड़े-बड़ों को छोटू अपना, रिश्तेदार न बतलाना
बड़े-बड़ों का बड़े-बड़ों से, ही याराना होता है
8)
बड़े होटलों में प्रति-प्लेटें, यद्यपि महॅंगी पाओगे
लेकिन छोटे हलवाई का, बढ़िया खाना होता है
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451