— यह चोला फिर न मिलेगा–(777)
यह तन का चोला फिर न मिलेगा
सब जानते हैं और पहचानते हैं !!
कितने गुरु आये धरती पर बताने को
सब का गुरु मात्एर से यही कहना है !!
यह तन बन्दे फिर न मिलेगा
हर प्रवचन का सार यही होना है !!
नाम लोगे तो कल्याण होगा
नही तो पाप का बोझा ढोना है !!
नाम जपने को बन्दे जग में
देर तक तुझे नही सोना है !!
ले जायेंगे यमदूत शनि के
यहाँ पर सब का यही कहना है !!
करो कर्म अच्छे तो डर काहे का
मेरा तो सब से यही कहना है !!
हरी जपो चलते फिरते दिल से
न जाने वकत उस वकत पर क्या कहाँ पे खोना है !!
बाँटते चलो अपने प्यार की धारा सब में
यही प्यार यहाँ पर काम में आना है !!
जिस को दिल कहे मानो उसे , दिल से
उस परमात्मा ने ही हमें पार लगाना है !!
पता है हम को भी,कि गए अगर यहाँ से
फिर यह चोला वापिस नही आना है !!
राम-राम, कृष्ण-कृष्ण, शिव-शिव जपो
तभी तो जुबान ने भी निर्मल होना है !!
कौन सा शब्द, कौन सा कदम आखिरी हो
यह सोच सोच के मायूस नही होना है !!
धरती पर न जाने कब होगा स्वर्ग बन्दे
तुझ को बस मुख से राम राम कहना है !!
जपा करो बस नाम राम का हर पल
इस राम राम की माला में ही खोना है !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ