यह गिलास है खाली
यह गिलास है
खाली
न पानी भरने लायक
न ही एक गुलदस्ता बनाकर
फूलों को इसमें रखकर
कहीं सजाने लायक
फिर भी
यह कीमती है क्योंकि
इसमें अभी कहीं
खनक है बाकी
एक पारदर्शिता है बाकी
एक दरारों भरी पर
कहीं थोड़ी बहुत
खूबसूरती है बाकी
इसका मोल है क्योंकि
इसे खरीदते समय
खरीदने वाले ने इसकी कीमत
चुकाई थी कभी
तभी यह अभी भी
महफूज है
घर के किसी कोने में
नहीं तो
इसको कभी का उठाकर
घर से बाहर कहीं
फेंक दिया गया होता
लोग इंसानों को
जब वह किसी काम के नहीं रहते
इस दुनिया से बाहर का रास्ता
दिखा देते हैं
यह तो फिर
बिना हाड़ मांस की
एक निर्जीव वस्तु ही है।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001