“यही है मेरा गांव”
पेड़ों से दूर तक रहती है जहां छांव।
मेरे यारों यही है मेरा गांव।
पहुंच कर जहां अपने सारे दुख भूल जाऊं।
मेरे यारों यही है मेरा गांव।
नदी किनारे बैठकर जहां गीत गुनगुनाऊं।
मेरे यारों यही है मेरा गांव।
आम के पेड़ों पर चढ़कर मस्त आम खाऊं।
मेरे यारों यही है मेरा गांव।
खेतों की सोनी सोनी सुगंध से मन भर लाऊं।
मेरे यारों यही है मेरा गांव।
मंदिर में पंडित जी आते हैं पहन कर खड़ाऊं
मेरे यारों यही है मेरा गांव।
लोगों को जिधर ईर्ष्या नहीं प्रेम पाठ पड़ाऊं।
मेरे यारों यही है मेरा गांव।
राधा किशन के गीत सुन वहां बैरागी बन जाऊं।
मेरे यारों यही है मेरा गांव।
दिलों में प्रेम जगाकर नफरत की दीवार जहां गिर वाऊं।
मेरे यारों यही है मेरा गांव।