यही है चाह हमारी _ गीत
हे ईश्वर वरदान दो हमको_काम सभी के आ जाएं।
दुर्गुण निकसे सद्गुण उपजे भाव हमे यही भा जाए।।
यही है चाह हमारी _लगे हमें दुनिया प्यारी।।
(१)
भूलों को हम राह दिखाएं _भटक कभी न पाए ।
दीन दुखी को गले लगाए_हम गीत प्रीत के गाएं।।
चले मानते सबको अपना काम रहे यह जारी।
यही है चाह हमारी _लगे हमें दुनिया प्यारी।।
(२)
ज्ञान जहां से मिलता जाएं _ उसको दिल में उतारे।
हो जाए कहीं गलती हमसे उसको फिर से सुधारें।।
पढ़े पाठ ऐसा ही सदा हम जिससे हमको सीख मिले।
सीखे और सिखाए सबको राह यही तो सटीक मिले।।
यही सोचकर निकले है हम हिम्मत कभी न हारी।
यही है चाह हमारी__ लगे हमें दुनिया प्यारी।।
राजेश व्यास अनुनय