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19 May 2023 · 1 min read

” यही सब होगा “

आसमां भी टुटेगा….
जमीं भी पिघल जायेंगी….
एक दिन ऐसी भी कयामत होगी….जब
दिन भी सोयेगा….
और रातें भी जागेगी….
देखना तुम एक दिन ऐसी ही कयामत आयेगी….

पतझड़ में भी बहार आयेंगी….
कागजों में भी खुशबू छायेगी….
एक दिन ऐसी भी कयामत होगी….जब
खामोशी भी बोलेगी….
उदासी भी अपना मुँह खोलेगी….
देखना तुम एक दिन ऐसी ही कयामत आयेगी….

दर्द भी जलने लगेंगे….
और खुशियां उत्सव मनायेगी….
एक दिन ऐसी भी कयामत होगी….जब
आँसू भी हँसेंगे….
सारे गिले शिकवे भी मिटेगें….
देखना तुम एक दिन ऐसी ही कयामत आयेगी….

शब्द भी सजेगें…..
महफिल भी रंगीन हो जायेगी….
एक दिन ऐसी भी कयामत होगी….जब
दूरियां भी पास आयेगी….
साँसें भी एक होगी….
देखना तुम एक दिन ऐसी ही कयामत आयेगी….
!
!
!
हाँ….यहीं सब होगा….जब
तुम और हम मिलेंगे….

लेखिका- आरती सिरसाट
बुरहानपुर मध्यप्रदेश
मौलिक एवं स्वरचित रचना

Language: Hindi
1 Like · 328 Views
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