यही तो मजा है
अंधेरे और दिन के लिए
फर्क सिर्फ इतना है
अँधेरा तो अँधेरा है
यह दिन का उजाला है
आप रात में रोशनी देख सकते हैं
यदि आप दिन में अपनी आँखें बंद करते हैं
हम अंधेरा देख सकते हैं
इसलिए…..
क्या आपको एक रात की ज़रूरत है?
वहाँ है
दिन हमारा है
इसकी जरूरत है
लेकिन…हम सोने के लिए सिर्फ
अंधेरे की तलाश नहीं करते
दिन के उजाले की तलाश में
जागते रहो
अपनी आँखें बंद करें
काला पड़ना
अच्छे से सो…
हम आलस्य का क्रम हैं…
+ ओत्तेरी सेल्वा कुमार