“यही जीवन है”
“यही जीवन है”
चाय भी इत्मीनान से ऐसे पियें,
जैसे यही वो धुरी है,
जिस पर पृथ्वी घूमती है
यानी वर्तमान ही जीवन है
भूतकाल गुजर चुका है,
पता नहीं भविष्य कब आयेगा,
जब वो आयेगा उस समय
क्या पता हम रहेंगे कि नहीं?
“यही जीवन है”
चाय भी इत्मीनान से ऐसे पियें,
जैसे यही वो धुरी है,
जिस पर पृथ्वी घूमती है
यानी वर्तमान ही जीवन है
भूतकाल गुजर चुका है,
पता नहीं भविष्य कब आयेगा,
जब वो आयेगा उस समय
क्या पता हम रहेंगे कि नहीं?