यहां मै नहीं…..!!!?
अमृत की तेज धार पर तैरता
अब मै चला,
विकारों को स्वीकार कर उनसे दूर
अब मै चला,
अशांत मनोवृत्ति को छोड़ कर दूर
अब मै चला,
परिस्कार वातावरण का निर्माण करने
अब मैं चला,2
अमृत की तेज धार पर तैरता
अब मै चला,
विकारों को स्वीकार कर उनसे दूर
अब मै चला,
अशांत मनोवृत्ति को छोड़ कर दूर
अब मै चला,
परिस्कार वातावरण का निर्माण करने
अब मैं चला,2