यहाँ किसे , किसका ,कितना भला चाहिए ?
यहाँ किसे , किसका ,कितना भला चाहिए ?
लोगों को बहरहाल ,काटने को गला चाहिए ?
जिन्हें कोफ़्त होती है, औरों की खुशी देखकर,
उन्हें सिवा अपना, हर एक घर जला चाहिए|
बेसबब हंगामे ,अच्छे नहीं लगते _ज़नाब,
फसाद का कोई वाज़िब_ मु’आमला चाहिए|
तूफ़ानों में तैरकर, जो दरिया पार करता है,
उसे डुबोने के लिए कोई_ ज़लज़ला चाहिए|
जमीं वालों ने ईमान आजकल बेच रखे हैं,
आसमां वाले , तेरा जायज़ फैसला चाहिए|