Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2023 · 1 min read

यहाँ किसे , किसका ,कितना भला चाहिए ?

यहाँ किसे , किसका ,कितना भला चाहिए ?
लोगों को बहरहाल ,काटने को गला चाहिए ?

जिन्हें कोफ़्त होती है, औरों की खुशी देखकर,
उन्हें सिवा अपना, हर एक घर जला चाहिए|

बेसबब हंगामे ,अच्छे नहीं लगते _ज़नाब,
फसाद का कोई वाज़िब_ मु’आमला चाहिए|

तूफ़ानों में तैरकर, जो दरिया पार करता है,
उसे डुबोने के लिए कोई_ ज़लज़ला चाहिए|

जमीं वालों ने ईमान आजकल बेच रखे हैं,
आसमां वाले , तेरा जायज़ फैसला चाहिए|

1 Like · 431 Views

You may also like these posts

बूंद अश्रु मेरे.....
बूंद अश्रु मेरे.....
पं अंजू पांडेय अश्रु
रौशनी मेरे लिए
रौशनी मेरे लिए
Arun Prasad
dream college -MNNIT
dream college -MNNIT
Ankita Patel
तुम प्रेम सदा सबसे करना ।
तुम प्रेम सदा सबसे करना ।
लक्ष्मी सिंह
Gopal das neeraj with shankarlal Dwivedi
Gopal das neeraj with shankarlal Dwivedi
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
पेट लव्हर
पेट लव्हर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
वही नज़र आएं देखे कोई किसी भी तरह से
वही नज़र आएं देखे कोई किसी भी तरह से
Nitin Kulkarni
ज़िंदगी हर पल गुज़र रही है
ज़िंदगी हर पल गुज़र रही है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
किताब के किसी पन्ने में गर दर्दनाक कोई कहानी हो
किताब के किसी पन्ने में गर दर्दनाक कोई कहानी हो
Ajit Kumar "Karn"
ज्ञान:- खुद की पहचान बस और कुछ नहीं
ज्ञान:- खुद की पहचान बस और कुछ नहीं
हरिओम 'कोमल'
- तस्वीर और तकलीफ में साथ अपनो में फर्क -
- तस्वीर और तकलीफ में साथ अपनो में फर्क -
bharat gehlot
ଅହଙ୍କାର
ଅହଙ୍କାର
Bidyadhar Mantry
बदरी
बदरी
Suryakant Dwivedi
*बचकर रहिएगा सॉंपों से, यह आस्तीन में रहते हैं (राधेश्यामी छंद
*बचकर रहिएगा सॉंपों से, यह आस्तीन में रहते हैं (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
"याद रखें"
Dr. Kishan tandon kranti
संदेशे भेजूं कैसे?
संदेशे भेजूं कैसे?
Manisha Manjari
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
🙅आज की भड़ास🙅
🙅आज की भड़ास🙅
*प्रणय*
हिम्मत है तो कुछ भी आसान हो सकता है
हिम्मत है तो कुछ भी आसान हो सकता है
नूरफातिमा खातून नूरी
मिट जाती है इश्क़ में हर नफ़रत
मिट जाती है इश्क़ में हर नफ़रत
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
इतिहास गवाह है ईस बात का
इतिहास गवाह है ईस बात का
Pramila sultan
बुरा वहम का रोग है.
बुरा वहम का रोग है.
RAMESH SHARMA
दुनिया की यही यही हकीकत है जिसके लिए आप हर वक्त मौजूद रहते ह
दुनिया की यही यही हकीकत है जिसके लिए आप हर वक्त मौजूद रहते ह
Rj Anand Prajapati
*चारों और मतलबी लोग है*
*चारों और मतलबी लोग है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*धरा पर देवता*
*धरा पर देवता*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
" गुमसुम कविता "
DrLakshman Jha Parimal
जिंदा है हम
जिंदा है हम
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
एक अकेला रिश्ता
एक अकेला रिश्ता
विजय कुमार अग्रवाल
दीवानी
दीवानी
Shutisha Rajput
Loading...