Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Apr 2021 · 1 min read

यद्यपि प्यार करो कितना ही…

यद्यपि प्यार करो कितना ही,
इस जीवन की भागदौड़ में,
कुछ ही पल के लिए सही,
पर प्रिय को भुलाना ही पड़ता है।
यद्यपि प्यार करो कितना ही…

मन की इच्छा मार – मार कर,
प्रियजन की खुशियों की खातिर,
जीती बाजी हार – हार कर,
मन को समझाना ही पड़ता है।
यद्यपि प्यार करो कितना ही…

सपनों के सागर में उतर कर,
खूब लगाओ गोते गहरे,
पर यथार्थ की तेज धूप में,
खुद को निकलना ही पड़ता है।
यद्यपि प्यार करो कितना ही…

यूँ तो सदां समय से पहले,
खबर बहारों की आ जाती,
पर पतझड़ को भी तो एक दिन
रस्ता देना ही पड़ता है।
यद्यपि प्यार करो कितना ही…

गाओ गीत मिलन के ही कितने
प्रातः की मधुरिम बेला में,
पर संध्या बेला में एक दिन,
गीत विरह गाना ही पड़ता है ।
यद्यपि प्यार करो कितना ही…

✍ – सुनील सुमन

Language: Hindi
4 Comments · 317 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Sunil Suman
View all

You may also like these posts

ग़म
ग़म
Harminder Kaur
ससुराल से जब बेटी हंसते हुए अपने घर आती है,
ससुराल से जब बेटी हंसते हुए अपने घर आती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बीजः एक असीम संभावना....
बीजः एक असीम संभावना....
डॉ.सीमा अग्रवाल
भूल गई
भूल गई
Pratibha Pandey
*आदित्य एल-1मिशन*
*आदित्य एल-1मिशन*
Dr. Priya Gupta
*मधु मालती*
*मधु मालती*
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
चाहे हमको करो नहीं प्यार, चाहे करो हमसे नफ़रत
चाहे हमको करो नहीं प्यार, चाहे करो हमसे नफ़रत
gurudeenverma198
" चाहत "
Dr. Kishan tandon kranti
थूकोगे यदि देख कर, ऊपर तुम श्रीमान
थूकोगे यदि देख कर, ऊपर तुम श्रीमान
RAMESH SHARMA
वाह चाय
वाह चाय
Chitra Bisht
दोहा मुक्तक
दोहा मुक्तक
sushil sarna
खुली आँख से तुम ना दिखती, सपनों में ही आती हो।
खुली आँख से तुम ना दिखती, सपनों में ही आती हो।
लालबहादुर चौरसिया लाल
दुनिया में भारत अकेला ऐसा देश है जो पत्थर में प्राण प्रतिष्ठ
दुनिया में भारत अकेला ऐसा देश है जो पत्थर में प्राण प्रतिष्ठ
Anand Kumar
दस्तक भूली राह दरवाजा
दस्तक भूली राह दरवाजा
Suryakant Dwivedi
'प्रभात वर्णन'
'प्रभात वर्णन'
Godambari Negi
पुण्य पताका फहरे
पुण्य पताका फहरे
Santosh kumar Miri
राजभवनों में बने
राजभवनों में बने
Shivkumar Bilagrami
बाहर से खिलखिला कर हंसता हुआ
बाहर से खिलखिला कर हंसता हुआ
Ranjeet kumar patre
आधार
आधार
ललकार भारद्वाज
बात
बात
Shriyansh Gupta
3442🌷 *पूर्णिका* 🌷
3442🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
दुनियादारी सीख गये
दुनियादारी सीख गये
Surinder blackpen
*नई सदी में चल रहा, शिक्षा का व्यापार (दस दोहे)*
*नई सदी में चल रहा, शिक्षा का व्यापार (दस दोहे)*
Ravi Prakash
पागल
पागल
Sushil chauhan
#गहिरो_संदेश (#नेपाली_लघुकथा)
#गहिरो_संदेश (#नेपाली_लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
समय संवाद को लिखकर कभी बदला नहीं करता
समय संवाद को लिखकर कभी बदला नहीं करता
Shweta Soni
किसी ने चोट खाई, कोई टूटा, कोई बिखर गया
किसी ने चोट खाई, कोई टूटा, कोई बिखर गया
Manoj Mahato
Quote...
Quote...
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ज़ब जीवन मे सब कुछ सही चल रहा हो ना
ज़ब जीवन मे सब कुछ सही चल रहा हो ना
शेखर सिंह
🙅आम सूचना🙅
🙅आम सूचना🙅
*प्रणय*
Loading...