यक्ष प्रश्न
एक प्रश्न कौंधा है
मन के कोने में
सोच रहीं हूॅं
पूछ कर
मन हल्का कर लेती हूॅं ,
प्रश्न विचारणीय है
और बड़ा भी
सबके सामने
अपने चिन्ह के साथ
खड़ा भी ,
बिना जांचे-परखे
कुछ भी
कैसा भी लिखकर
किसी भी प्रकाशक से
छपवाया जा सकता है ?
अगर ये किताबें
गिनती में बिकें
तो उसको
एक वस्तु की तरह
बिकवाया जा सकता है ?
ऐसी किताबें अगर
बेस्ट सेलर हो जाती हैं
तो इसको क्या कहा जायेगा
लिखने वाले की शख्सियत
या बेचने वाले की काबिलियत ?
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा )