मौसम बरसात का
मौसम ने ली अंगड़ाई,
फूलों,पोधों व इन हसीन,
वादियों पर बहार आई।
सर्दी जाने को थी,गरमी का आगमन था,
लेकिन बरसात ने आकर ला दिया,
हर दिल में लड़कपन सा।
न ठंड रही न ही गरमी,
मौसम हुआ सुहाना।
ये तो बन गया दो दिलों,
के मिलने का अफ़ साना।
धूप सुहानी लगती है,
बगिया फूलों से सजी सुहानी लगती है
आंबों पर भी है बोर आया,
कोयल ने भी सौर मचाया।
मौसम हुआ बरसात का,
खेतों में फैसल हुई सियानी
किसानों ने भी खुशी मनाई।