मौसम ने भी ली अँगड़ाई, छेड़ रहा है राग।
मौसम ने भी ली अँगड़ाई, छेड़ रहा है राग।
सखा ऋतुराज रति-काम संग ,खेल रहा है फाग।
मस्त आज परिवार संग सब, मुख पर सबके हास।
भंग घोटतीं सकल दिशाएँ, अद्भुत है उल्लास।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
मौसम ने भी ली अँगड़ाई, छेड़ रहा है राग।
सखा ऋतुराज रति-काम संग ,खेल रहा है फाग।
मस्त आज परिवार संग सब, मुख पर सबके हास।
भंग घोटतीं सकल दिशाएँ, अद्भुत है उल्लास।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद