मौसम तो बदलते रहते हैं
मौसम तो बदलते रहते हैं
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मौसम तो बदलते रहते हैं,
पर! कहां है उसमें बिसात,
जो मेरा पथ बदल दे !
मैंने तो ठाना है, सत्य की राह
पर चलना,
चाहे!कितनी बाधाएं आएं,
आंधी, तूफान आएं।
अटल होकर मुझको ,
हे सत्य!पर ही चलना।
हमको बढ़ते जाना और,
मंजिल अपनी पाना है।
सत्य के पथ पर सदा,
हमको कदम बढ़ाना है?
चाहे कितना भी हो अंधकार,
एक दिन रोशनी होती है।
सत्य की सदा होती विजय,
और ! असत्य की हार होती है!!
सुषमा सिंह*उर्मि,,