Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2024 · 1 min read

मौन संवाद

, [ मौन संवाद ]

अंबर ने अवनी से पूछा,कहो तो भू पर आ- जायें !
अवनी के मन में भी यह था,अंबर हृदय समा जायें !!

दोनों ने मिलने की मंशा ,यूँ तो निष्पादित कर दी –
लेकिन प्रश्न बिना उत्तर के,दोनों के मन सकुचाएँ !

आयी रात, रात भर दोनों ;रहे सोचते—– दोनों ही –
जो मेरे मन क्या उस के मन सोचें -सोचें रह जाएँ !

दिन भर तपन झेल कर,अवनि बहुत बे-हाल हुयी-
अंबर सोचे क्यों न रात को,ओस-कणों को बरसाएँ!

गर्म हवाओं की झंझा से,अंबर हाल-बे-हाल हुआ-
अवनि सोचती क्यों न प्रभा से कह नभ नर्म बना पाएँ !

अंबर की कितनी ऊँचाई, विहग नापते नित-प्रति ही-
नित्य धरा पर बना ठिकाना,जीवन सुलभ बना पाएँ!

जो हो,कुदरत के सब अवयव;एक-दूजे का ख्याल रखें-
कितना अच्छा हो मानव भी,ख्याल परस्पर रख पाएँ !

समझने वाले समझ गये यहाँ,अंबर रूप दया का है –
अवनि वह कि जो सब को सब को,आश्रय देकर हर्षाएँ !
——————————————————–
मौलिक चिंतन/ स्वरूप दिनकर, / आगरा
,————- 13 /01/2024 ——————–

187 Views
Books from Ramswaroop Dinkar
View all

You may also like these posts

दिल से
दिल से
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आज़ महका महका सा है सारा घर आंगन,
आज़ महका महका सा है सारा घर आंगन,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
थोड़ा सा थका हूँ मगर रुका नही हूँ
थोड़ा सा थका हूँ मगर रुका नही हूँ
पूर्वार्थ
पर्दा खोल रहा है
पर्दा खोल रहा है
संतोष बरमैया जय
*बरगद (बाल कविता)*
*बरगद (बाल कविता)*
Ravi Prakash
अच्छा हृदय और अच्छा स्वभाव दोनों आवश्यक है वो इसलिए क्योंकि
अच्छा हृदय और अच्छा स्वभाव दोनों आवश्यक है वो इसलिए क्योंकि
ललकार भारद्वाज
हमारे अच्छे व्यवहार से अक्सर घृणा कर कोसते हैं , गंदगी करते
हमारे अच्छे व्यवहार से अक्सर घृणा कर कोसते हैं , गंदगी करते
Raju Gajbhiye
पतोहन के साथे करें ली खेल
पतोहन के साथे करें ली खेल
नूरफातिमा खातून नूरी
जल बचाओ एक सबक
जल बचाओ एक सबक
Buddha Prakash
बिखरतो परिवार
बिखरतो परिवार
लक्की सिंह चौहान
दिल की आवाज़
दिल की आवाज़
Dipak Kumar "Girja"
चिरंतन सत्य
चिरंतन सत्य
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
विराम चिह्न
विराम चिह्न
Neelam Sharma
"अगर"
Dr. Kishan tandon kranti
घर और जीवन
घर और जीवन
Saraswati Bajpai
ओ *बहने* मेरी तो हंसती रवे..
ओ *बहने* मेरी तो हंसती रवे..
Vishal Prajapati
दो
दो
*प्रणय*
देखो आई अजब बहार
देखो आई अजब बहार
Baldev Chauhan
इन राहों में सफर करते है, यादों के शिकारे।
इन राहों में सफर करते है, यादों के शिकारे।
Manisha Manjari
#बिखरी वचनकिरचें
#बिखरी वचनकिरचें
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
सादापन
सादापन
NAVNEET SINGH
संज्ञा गीत
संज्ञा गीत
Jyoti Pathak
यदि मैं अंधभक्त हूँ तो, तू भी अंधभक्त है
यदि मैं अंधभक्त हूँ तो, तू भी अंधभक्त है
gurudeenverma198
कहू किया आइ रूसल छी ,  कोनो कि बात भ गेल की ?
कहू किया आइ रूसल छी , कोनो कि बात भ गेल की ?
DrLakshman Jha Parimal
......,,,,
......,,,,
शेखर सिंह
4321.💐 *पूर्णिका* 💐
4321.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
तुम बेबाक बोलो, देश कर्णधार
तुम बेबाक बोलो, देश कर्णधार
डॉ. शिव लहरी
अपना कहूं तो किसे, खुद ने खुद से बेखुदी कर दी।
अपना कहूं तो किसे, खुद ने खुद से बेखुदी कर दी।
श्याम सांवरा
সেয়াহৈছে সফলতা
সেয়াহৈছে সফলতা
Otteri Selvakumar
उनको मंजिल कहाँ नसीब
उनको मंजिल कहाँ नसीब
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
Loading...