मौत
ऐ मौत तू बहुत खूबसूरत होगी
न जाने कब तेरा दीदार होगा
जब भी होगा यह तय है
वह पल सबसे खास होगा
ऐ मौत मैंने देखा न देवता कभी
पर तू हमेशा आँखों के सामने रही
तू भी होगी न कम किसी देव से
तू हर लेती है मानव की चिंताएं सभी
मिट जाएगी सारी कुंठाये जो थी
ऐ मौत तू बहुत खूबसूरत होगी
दिलाती है मुक्ति ,फिर न कोई कष्ट होगा
न रोग, ना चंचल मन
और ना ही कोई अरमान होगा
तुमसे मिलन के बाद ही
इस जूठे जगत से विश्राम होगा
ऐ मौत बस एक विनती है तुमसे
जब तू आये मुझे इतल्ला कर देना
माना ये असम्भव है भौतिक जगत में
पर तू तो भौतिकता से परे है
इसलिए मन में यह आख़िरी इच्छा रह न जाये
अफसोस नहीं अब कि यह बात तुमसे कह न पाये
एक विनती तुमसे है, बस यही
जब विदा होना मुझे हो
इस जगत से
मैं यह जान के मरूं तू आ गयी
तुमसे जब भी मुलाकात हो
तब तू कहे मैं आ गयी।
-राही