*मौत सभी को गले लगाती (हिंदी गजल/गीतिका)*
मौत सभी को गले लगाती (हिंदी गजल/गीतिका)
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(1)
बात समझ में सीधी आती
मौत सभी को गले लगाती
(2)
सौ बरसों की मिली जिंदगी
छीनी मगर कभी भी जाती
(3)
सुनो बुढ़ापा या बीमारी
दीमक जैसी जीवन खाती
(4)
सुबह-शाम या रात कभी भी
मौत न आने से घबराती
(5)
किस्से सुन लो बस जाने के
मौत बहाने खूब बनाती
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रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451