Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2022 · 1 min read

मौत ने की हमसे साज़िश।

मौत ने की हमसे साज़िश वो बिन बताये ही आ गयी।।
ज़िन्दगी भी मेरी कुछ कम ना थी बताकर ही ना गयी।।

✍✍ताज मोहम्मद✍✍

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 356 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Taj Mohammad
View all

You may also like these posts

*सूरत के अपेक्षा सीरत का महत्व*
*सूरत के अपेक्षा सीरत का महत्व*
Vaishaligoel
सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।।
सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।।
Abhishek Soni
आँगन में एक पेड़ चाँदनी....!
आँगन में एक पेड़ चाँदनी....!
singh kunwar sarvendra vikram
#रे मन तेरी मेरी प्रीत
#रे मन तेरी मेरी प्रीत
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
हमे निज राह पे नित भोर ही चलना होगा।
हमे निज राह पे नित भोर ही चलना होगा।
Anamika Tiwari 'annpurna '
भला लगता है
भला लगता है
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
तमस अमावस का घिरा, रूठा उजला पाख।
तमस अमावस का घिरा, रूठा उजला पाख।
डॉ.सीमा अग्रवाल
नाकामयाब पुरुष की कहानी यूँ अनकही रह जाती है,उसकी पसंदीदा स्
नाकामयाब पुरुष की कहानी यूँ अनकही रह जाती है,उसकी पसंदीदा स्
पूर्वार्थ
Upon waking up, oh, what do I see?!!
Upon waking up, oh, what do I see?!!
R. H. SRIDEVI
आइल दिन जाड़ा के
आइल दिन जाड़ा के
आकाश महेशपुरी
कविता
कविता
Nmita Sharma
..
..
*प्रणय*
“समझा करो”
“समझा करो”
ओसमणी साहू 'ओश'
*रामलला का सूर्य तिलक*
*रामलला का सूर्य तिलक*
Ghanshyam Poddar
"जरा सोचो"
Dr. Kishan tandon kranti
पीर- तराजू  के  पलड़े  में,   जीवन  रखना  होता है ।
पीर- तराजू के पलड़े में, जीवन रखना होता है ।
Ashok deep
हमें अपने जीवन को विशिष्ट रूप से देखना होगा तभी हम स्वयं के
हमें अपने जीवन को विशिष्ट रूप से देखना होगा तभी हम स्वयं के
Ravikesh Jha
*कबूतर (बाल कविता)*
*कबूतर (बाल कविता)*
Ravi Prakash
कहीं तीसी फुला गईल
कहीं तीसी फुला गईल
कुमार अविनाश 'केसर'
हमेशा आंखों के समुद्र ही बहाओगे
हमेशा आंखों के समुद्र ही बहाओगे
कवि दीपक बवेजा
गुनाह लगता है किसी और को देखना
गुनाह लगता है किसी और को देखना
Trishika S Dhara
प्रदीप छंद
प्रदीप छंद
Seema Garg
धीरे-धीरे ढह गए,
धीरे-धीरे ढह गए,
sushil sarna
2
2
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अंतर बहुत है
अंतर बहुत है
Shweta Soni
Love's Test
Love's Test
Vedha Singh
आप सुनो तो तान छेड़ दूं
आप सुनो तो तान छेड़ दूं
Suryakant Dwivedi
गुजार दिया जो वक्त
गुजार दिया जो वक्त
Sangeeta Beniwal
बरसात
बरसात
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
विजय दशमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
विजय दशमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
Sonam Puneet Dubey
Loading...