मौत के बाद यूँ ज़िन्दगी रहे
मैं रहूँ ना रहूँ शा’इरी रहे
मौत के बाद यूँ ज़िन्दगी रहे
नेकियाँ ओ वफ़ाएँ रहें सदा
यूँ जहाँ में मेरी बन्दगी रहे
शाम हो हुस्न की वादियों में ज्यों
तेरी आँखों में यों, आशिक़ी रहे
साक़िया मैं कहूँ क्या, नशे में हूँ
ज़िक्र तेरा रहे, मयकशी रहे
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