मोहब्बत की कुछ बूंदें..
मोहब्बत की कुछ बूंदें,
यूँ ही लुटा देता हूँ मैं।
उसके हर सितम को,
हस के भुला देता हूँ मैं ।
माना की उसे गुरूर है,
अपने हसीं होने का।
दिल की प्यारी बातों से,
दिल फिर भी चुरा लेता हूँ मैं ।।