मोहब्बत की कहानी
मोहब्बत मेरी नाकाम
मोहब्बत के शहर में
मैं बदनाम
मोहब्बत की कहानी
मेरे दिल की किताब में ही
बंद रही
यह एक बंद कली थी
जो कभी फूल बनकर न
खिली
यह एक बंद गली थी
जो किसी रास्ते की
मंजिल की तरफ न
बढ़ी
यह तो मौत की गोद में
आहिस्ता आहिस्ता
सांसे भरती
एक जीवन के रहस्य के
अंतिम पड़ाव की कहानी थी
जिसकी डोर
एक परिंदे के परों सी न
आसमान में उड़ान भरने के लिए
खुलती थी
न दाना चुगने के लिए
पेड़ की डाली पे पड़े घोंसले से ही
मुह बाहर निकालकर
एक चिड़िया के नवजात बच्चे सी
जमीन पे उतरती थी।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001