मोहब्बत का वो दावा कर रहा होगा
मोहब्बत का वो दावा कर रहा होगा
वो सबसे अब दिखावा कर रहा होगा
चराग़ों पर अभी है गर्दिश-ए-दौराँ
वो आँधी को इशारा कर रहा होगा
वो रातों को बड़ी मुश्किल से सोता है
निवालों की ही पर्वा कर रहा होगा
खिलौने गौर से बच्चे ने देखे थे
वो पाने का तक़ाज़ा कर रहा होगा
वो साहिल पे सलामत इसलिए आया
मदद पानी का क़तरा कर रहा होगा