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17 May 2024 · 1 min read

मोहब्बत का वो दावा कर रहा होगा

मोहब्बत का वो दावा कर रहा होगा
वो सबसे अब दिखावा कर रहा होगा

चराग़ों पर अभी है गर्दिश-ए-दौराँ
वो आँधी को इशारा कर रहा होगा

वो रातों को बड़ी मुश्किल से सोता है
निवालों की ही पर्वा कर रहा होगा

खिलौने गौर से बच्चे ने देखे थे
वो पाने का तक़ाज़ा कर रहा होगा

वो साहिल पे सलामत इसलिए आया
मदद पानी का क़तरा कर रहा होगा

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