“मोहब्बत का इशारा है”
मीटर-221-222-222-221-222
आठों पहर दिल ने बस तुमको ही तो पुकारा है।
लगता मुझे ऐसा है मोहब्बत का इशारा है।।
जागे जहां सपनों का हम गाएँ प्यार की सरगम।
आके वफ़ा-मेले में देखें ख़ुशियाँ सजा हमदम।
इक चाँद नीले अंबर में इक तुझको उतारा है।
लगता मुझे ऐसा है मोहब्बत का इशारा है।।
प्यासी निगाहें मेरी चाहें दीदार तेरा ही।
दिल के सभी कोनों में है बस इज़हार तेरा ही।
तुझको सनम मालिक ने मेरी खातिर सँवारा है।
लगता मुझे ऐसा है मोहब्बत का इशारा का।।
कितनी हसीं जोड़ी देखो दिल के आइने में तुम।
ख़ुशबू वफ़ा की आए लो हँसते मायने में तुम।
ये दिल हुआ मंदिर इश्क़े-पूजा से निखारा है।
लगता मुझे ऐसा है मोहब्बत का इशारा है।।
प्रीतम सुनो हम तो आँखों के जुगनूँ बनाएँ हैं।
इंतज़ार में सुन मोहब्बत के मोती छिपाएँ हैं।
सागर बना दिल अब हंसे-रुह का खास द्वारा है।
लगता मुझे ऐसा है मोहब्बत का इशारा है।।
आठों पहर दिल ने बस तुमको ही तो पुकारा है।
लगता मुझे ऐसा है मोहब्बत का इशारा है।।
गीतकार-
राधेयश्याम बंगालिया “प्रीतम”
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