हर किसी का एक मुकाम होता है,
हिंदू कट्टरवादिता भारतीय सभ्यता पर इस्लाम का प्रभाव है
बुढ़िया काकी बन गई है स्टार
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
अपने ही हाथों से अपना, जिगर जलाए बैठे हैं,
अपना जीवन पराया जीवन
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*आई गंगा स्वर्ग से, चमत्कार का काम (कुंडलिया)*
कभी फौजी भाइयों पर दुश्मनों के
सफर वो जिसमें कोई हमसफ़र हो
सपनो का शहर इलाहाबाद /लवकुश यादव "अज़ल"
गीतिका-* (रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ)
धुंध छाई उजाला अमर चाहिए।
प्रेम उतना ही करो जिसमे हृदय खुश रहे
किसी महिला का बार बार आपको देखकर मुस्कुराने के तीन कारण हो स
कभी महफ़िल कभी तन्हा कभी खुशियाँ कभी गम।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
बंगाल में जाकर जितनी बार दीदी,
जीने दो मुझे अपने वसूलों पर
-- गुरु --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
दो अक्षर में कैसे बतला दूँ