मोहब्बत एक खुशबू है !
मोहब्बत एक खुशबू है
मोहब्बत एक खुशबू है, रूहानी सी सुहानी है,
ये वो अहसास है ज़ालिम कसक जिसकी पुरानी है
हो महसूस पल भर में ये किस्सा बेजुवानी है,
मोहब्बत एक खुशबू है, रूहानी सी सुहानी है
कभी मोहन की वंशी में, कहीं राधा की छम छम में
किसी मदमस्त सी गोरी की वो अलमस्त गुनगुन में
वसी हर सिम्त ये देखो, ये चेहरों की नूरानी है
मोहब्बत एक खुशबू है, रूहानी सी सुहानी है