मोबाइल की जपते माला (मुक्तक)
मोबाइल की जपते माला (मुक्तक)
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आँखों में है दर्द पोस्ट मोबाइल पर फिर भी डाला
कंधे-सिर दुखते हैं पर मोबाइल की जपते माला
बालक युवती युवक वृद्ध सब पर यह नशा चढ़ा ऐसा
सभी नशे में मोबाइल के घर-घर यह गड़बड़झाला
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451