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26 Jul 2017 · 1 min read

मोदी जी की बाजी

मोदी जी की बाजी अंधों को बर नहीं आती।
अंधे बरक्कत चाहते पर ये लत नहीं जाती।।
नोटों से भरे हाॅल बाजी रास कैसे आये अब।
नोटो पे बैन दिल ए खामोश आँखें न जाती।।

कोरेधन की अहमियत गई सूखे तालाबों जैसे।
रह गए सारे भद्दा बन कोई आशा न आती।।
काले अमीरों पे मोदी की चाल चमकती ।
जानें दिल ए दिल में मोदी बात ही रहती।।

कह दिया उसने सब खुले हाल फिर क्यों।
मोदी के फैसले से रास ए-दिल न उतरती।।
इल्जाम आये दिन मोदी पे अंधो की आदत से।
सांसदों की संसद गुफ्तगू करती बर नहीं आती।।

जब कांग्रेसी सत्ता थी तब किया ही क्या।
वो दिलो-दिमाग में तुम्हें याद नहीं आती।।
भारत जन तो मुंतजर हैं मोदी के कदम से।
मोदी ये तेरी करनी इन्हें बर नहीं आती।।

संसद सारी गीता, पुराण का झमेला ताने।
टेडी पुछ के है जिनकी चाल पे चाल आती।।
चंद दिनों की दिक्कत है सब हिलमिल जाओ।
रणकह मोदी साथ दों कांग्रेसी तो बरनहीं आती।।

मोदी जी की बाजी अंधों को बर नहीं आती।
अंधे बरक्कत चाहते पर ये लत नहीं जाती।।

रणजीत सिंह “रणदेव”चारण
मुण्डकोशियां, राजसमन्द
7300174927

Language: Hindi
1 Like · 529 Views
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