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20 Feb 2024 · 1 min read

मोटा बिल्ला

मोटा बिल्ला बन गया नाई
करता था वह खूब कमाई।।

मटक-मटक कर चूहा आया
बोला काटो मेरे बाल।
दुश्मन आया है खुद चलकर
फैलाया बिल्ला ने जाल।।

कैची पकड़ी सर को घुमाया
फिर काटे हैं पानी डाल।
काटते-काटते उसने देखो
काटी है चूहे की खाल।।

चूहा चिल्लाया घबराया
दौड़ा सरपट हो बेहाल।
भागा-भागा बिल में आया
गुस्से में था वह तो लाल।।

रात में फिर चूहा जा पहुंचा
फिर कुतरी सारी सैलून।
कुतरे उसके रुपये-पैसे
खौला अब बिल्ले का खून।।

बुरा करो ना कभी किसी का
हो चाहे दुश्मन कोई।
काटी सबने फसल वही जो
जिसने जैसी है बोई।।

विजय बेशर्म

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