Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2024 · 1 min read

*कविवर शिव कुमार चंदन* *(कुंडलिया)*

कविवर शिव कुमार चंदन (कुंडलिया)
_________________________
चंदन-मन व्यक्तित्व शुचि, सात्विक बही सुगंध
साहित्यिक शुभ कार्यक्रम, अद्भुत किए प्रबंध
अद्भुत किए प्रबंध, भक्ति के काव्य प्रणेता
कुंडलिया मर्मज्ञ, मुग्ध लेखन कर देता
कहते रवि कविराय, धन्य भावुक अंतर्मन
धन्य कलम सुकुमार, धन्य शिव कविवर चंदन
—————————————
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

35 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
प्यार करता हूं और निभाना चाहता हूं
प्यार करता हूं और निभाना चाहता हूं
इंजी. संजय श्रीवास्तव
बदमिजाज सी शाम हो चली है,
बदमिजाज सी शाम हो चली है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नीर क्षीर विभेद का विवेक
नीर क्षीर विभेद का विवेक
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
■ देसी ग़ज़ल
■ देसी ग़ज़ल
*प्रणय प्रभात*
माँ
माँ
Dinesh Kumar Gangwar
*ऊपर से जो दीख रहा है, कब उसमें सच्चाई है (हिंदी गजल)*
*ऊपर से जो दीख रहा है, कब उसमें सच्चाई है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
खामोशी मेरी मैं गुन,गुनाना चाहता हूं
खामोशी मेरी मैं गुन,गुनाना चाहता हूं
पूर्वार्थ
*सवा लाख से एक लड़ाऊं ता गोविंद सिंह नाम कहांउ*
*सवा लाख से एक लड़ाऊं ता गोविंद सिंह नाम कहांउ*
Harminder Kaur
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
रिशते ना खास होते हैं
रिशते ना खास होते हैं
Dhriti Mishra
आगे बढ़ने दे नहीं,
आगे बढ़ने दे नहीं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कचनार kachanar
कचनार kachanar
Mohan Pandey
श्री कृष्ण भजन
श्री कृष्ण भजन
Khaimsingh Saini
इश्क की खुमार
इश्क की खुमार
Pratibha Pandey
क्षणिकाएँ. .
क्षणिकाएँ. .
sushil sarna
किसी से भी
किसी से भी
Dr fauzia Naseem shad
बुली
बुली
Shashi Mahajan
बारिश के लिए
बारिश के लिए
Srishty Bansal
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
वो पेड़ को पकड़ कर जब डाली को मोड़ेगा
वो पेड़ को पकड़ कर जब डाली को मोड़ेगा
Keshav kishor Kumar
जिससे मिलने के बाद
जिससे मिलने के बाद
शेखर सिंह
कह न पाई सारी रात सोचती रही
कह न पाई सारी रात सोचती रही
Ram Krishan Rastogi
बहुत आसान है भीड़ देख कर कौरवों के तरफ खड़े हो जाना,
बहुत आसान है भीड़ देख कर कौरवों के तरफ खड़े हो जाना,
Sandeep Kumar
मां गोदी का आसन स्वर्ग सिंहासन💺
मां गोदी का आसन स्वर्ग सिंहासन💺
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
3300.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3300.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
पापा आपकी बहुत याद आती है
पापा आपकी बहुत याद आती है
Kuldeep mishra (KD)
यही विश्वास रिश्तो की चिंगम है
यही विश्वास रिश्तो की चिंगम है
भरत कुमार सोलंकी
माँ i love you ❤ 🤰
माँ i love you ❤ 🤰
Swara Kumari arya
महादान
महादान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मैं
मैं
Dr.Pratibha Prakash
Loading...