मै
एक अहसास
अजनबी
एक ख़्वाब
अज्ञात
एक सवाल
बेवजह
एक जवाब
अनसूना
एक किस्सा
मनघढ़ंत
एक उम्मीद
टूटी सी
एक नींद
अधूरी सी
एक शोर
खामोशी का
एक शाम
शर्द मौशम की
एक शेर
अधूरी ग़ज़ल का
एक तोहफ़ा
किसी अज़नबी शख्स का
एक पैगाम
आख़िरी
एक मुलाकात
मुख़्तसर सी
एक जख्म
भर गया सा
एक सैलाब
टल गया सा
एक मंजर
सुनामी के बाद का
एक पल
अपनों की याद का
एक दिन
छुट्टियों के बाद का
एक दोपहर
खरशाओं की
एक रात
बरसात की
एक समर्पण
एकलव्य का
Schin kumar ken