मै वो वेश्या हूँ/मंदीपसाई
तन की मेरी बोली लगाई जाती,
गैरो के बिस्तर पर सजाई जाती।
में वो वेश्या हूँ……
चंद पैसे दे कर खरीदा जाता,
बेहरमी से मुझे नोचा जाता।
मै वो वेश्या हूँ……..
आते पास मेरे समाज के देकेदार,
करते वो भी मेरा बलत्कार।
मै वो वेश्या हूँ……..
देख रही आया नही आज कोई,
जलेगा कैसे चुला में सोच कर बहुत रोई।
मै वो वेश्या हूँ……..
आये दिन में अपना बलत्कार करवाती,
तुम्हारी बेटियो को बलत्कार से मै बचाती।
मै वो वेश्या हूँ……..
मंदीपसाई