मै पन्द्रह अगस्त स्वतन्त्रता दिवस हूँ —आर के रस्तोगी
मैं पन्द्रह अगस्त स्वतन्त्रता दिवस हूँ
दिल्ली के लाल किले से बोल रहा हूँ
कहने को मैं स्वतन्त्र हो गया हूँ
पर भुखमरी और भ्रष्टाचार से जकड़ा हुआ हूँ
जन जन और कण कण को पकड़ा हुआ हूँ
यहाँ दिन रात महिलाओ का बलात्कार होता है
जिसको देख कर मैं सुबक सुबक कर रोता हूँ
मै रोते रोते तुम्हे ये बोल रहा हूँ
मैं पन्द्रह अगस्त स्वतन्त्रता दिवस हूँ
दिल्ली के लाल किले से बोल रहा हूँ
यहाँ रिश्वत का बाज़ार बहुत गर्म है
इसके लेने देने में कोई नहीं शर्म है
जिसको यह नहीं मिल पाती है
इमानदारी का ढिंढोरा वह पिटता है
पहली बार किराये के लाल किले की
तस्वीर तुम्हारे सामने पेश कर रहा हूँ
जिस पर चढ़ कर मोदी जी भाषण दे रहे है
इसी बात को देखकर मै रो रहा हूँ
मैं पन्द्रह अगस्त स्वतन्त्रता दिवस हूँ
दिल्ली के लाल किले से बोल रहा हूँ
आर के रस्तोगी