मैया पार लगा दो
श्रद्धा और विश्वास से मैया, मैंने द्वार सजाया है
प्रेम और भक्ति का आसन, मनमंदिर बीच बिछाया है
आन बसो मनमंदिर मैया, भक्त द्वारे आया है
मानव जीवन सफल हो मेरा, यही कामना लाया है
नहीं जानता अर्चन वंदन, न पूजा की रीत
मां तुम से ही जन्म जन्म की, लगी हुई है प्रीत
कोई नहीं है तुम बिन माता, गोद में लेने वाला
कब आ जाए मैया मेरी, चला चली की बेला
इस जग से जाने से पहले, मैया दरस दिखा दो
जनम जनम की भटकन से, हे मैया पार लगा दो
जय माता दी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी