Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Mar 2022 · 1 min read

“मैथिली “

हमर आग्रह अछि
निवेदन अछि
आहाँ कतो रहू
मैथिली सँ कात न रहू !!
भाषा समाज आ
परिवार सँ जे
बंधल रहब
देश दुनियाँ सँ सेहो
जुड़ल रहब !!@परिमल

Language: Maithili
1 Like · 282 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
घमंड की बीमारी बिलकुल शराब जैसी हैं
घमंड की बीमारी बिलकुल शराब जैसी हैं
शेखर सिंह
मेरा अभिमान
मेरा अभिमान
Aman Sinha
हम ख़फ़ा हो
हम ख़फ़ा हो
Dr fauzia Naseem shad
कर ही बैठे हैं हम खता देखो
कर ही बैठे हैं हम खता देखो
Dr Archana Gupta
मईया एक सहारा
मईया एक सहारा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Hum mom ki kathputali to na the.
Hum mom ki kathputali to na the.
Sakshi Tripathi
सरस्वती वंदना-3
सरस्वती वंदना-3
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
गुरु माया का कमाल
गुरु माया का कमाल
DR ARUN KUMAR SHASTRI
करे मतदान
करे मतदान
Pratibha Pandey
सरेआम जब कभी मसअलों की बात आई
सरेआम जब कभी मसअलों की बात आई
Maroof aalam
"रिश्ते की बुनियाद"
Dr. Kishan tandon kranti
3008.*पूर्णिका*
3008.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दिल सचमुच आनंदी मीर बना।
दिल सचमुच आनंदी मीर बना।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
*My Decor*
*My Decor*
Poonam Matia
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
Mohan Pandey
माॅर्डन आशिक
माॅर्डन आशिक
Kanchan Khanna
वफा माँगी थी
वफा माँगी थी
Swami Ganganiya
" माँ का आँचल "
DESH RAJ
क्षणभंगुर
क्षणभंगुर
Vivek Pandey
खुद को सम्हाल ,भैया खुद को सम्हाल
खुद को सम्हाल ,भैया खुद को सम्हाल
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बाट जोहती पुत्र का,
बाट जोहती पुत्र का,
sushil sarna
रंग हरा सावन का
रंग हरा सावन का
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
हम ही हैं पहचान हमारी जाति हैं लोधी.
हम ही हैं पहचान हमारी जाति हैं लोधी.
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
*सकल विश्व में अपनी भाषा, हिंदी की जयकार हो (गीत)*
*सकल विश्व में अपनी भाषा, हिंदी की जयकार हो (गीत)*
Ravi Prakash
ठंडक
ठंडक
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
वक्त कि ये चाल अजब है,
वक्त कि ये चाल अजब है,
SPK Sachin Lodhi
"ॐ नमः शिवाय"
Radhakishan R. Mundhra
दिल -ए- ज़िंदा
दिल -ए- ज़िंदा
Shyam Sundar Subramanian
■ एक कविता / सामयिक संदर्भों में
■ एक कविता / सामयिक संदर्भों में
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-537💐
💐प्रेम कौतुक-537💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...