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18 May 2024 · 1 min read

मैं सब कुछ लिखना चाहता हूँ

बचपन की शरारते
जवानी में खोए होश
खोए होश के सफर की
कहानी लिखना चाहता हूँ
मैं सब कुछ लिखना चाहता हूँ

दिखावे दोस्त
दोस्ती स्वरथ की
प्यार बर्बादी का
सब ने तबाह किया
हर तबाही का हिसाब लिखना चाहता हूँ
मैं सब कुछ लिखना चाहता हूँ

मिली हर खुशी हर गम का
बचपन से लेकर बुढ़ापे तक
चहरे के बदलते भाव को
मन में उमड़ती इकक्षाओ को
कलम बध्य करना चाहता हूँ
मैं सब कुछ लिखना चाहता हूँ

नीरज मिश्रा ” नीर ” बरही मध्य प्रदेश

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