मैं रहूँ ना रहूँ, याद रखना मुझे (एक बार जरूर पढ़ें)
मैं रहूँ ना रहूँ,याद रखना मुझे /कविता
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मैं रहूँ ना रहूँ ,याद रखना मुझे
एक छोटा सा काम दे रहा हूँ तुझे
पल-पल नहीं पर कभी-कभी
बीते हुए लम्हों में ,अपनी किताबों के पन्नों में,
खोजकर,अतीत के आइनों में,साफ कर देखना ,
तेरी ताकत बनकर ,मैं और मेरी कविताएं,
तुम्हारे जीवन में , परिवर्तन लाएगी ,
जिंदगी जीने का, एक कला सिखाएगी ,
मेरे नाम से भी तुम्हें, लोग जानते रहेंगे ,
एक कलमकार से प्रीत है ,बस लोग कहेंगे ,
तू भी कभी अपनी अंगुलियों से,
जुल्फों में ,प्यार से टटोलकर ,देखना प्रिये!
कुछ मीठे,सुखद एहसास मिलेंगे,
तेरी जिंदगी कड़वी न होगी कभी
आनन्द की ऐसी ,मिश्री घोल बनेंगे
मेरे अजीज दोस्तों और मेरे चाहने वालों
कभी भूलकर ही सही,मेरे तस्वीर के सामने
एक छोटी-सी दीया जला आना
रात की अँधेरों में,जब बिजली कट जाय,
अपने संतानों से ,मेरा संघर्ष बता देना,
जानता हूँ, बहुत मुश्किल होगी पर
बस एक छोटा सा काम दे रहा हूँ तुझे,
मैं रहूँ ना रहूँ ,याद रखना मुझे ।।
नेतलाल यादव
उत्क्रमित उच्च विद्यालय शहरपुरा, जमुआ ,गिरिडीह झारखंड पिन कोड 81 53 12