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10 Dec 2016 · 1 min read

मैं यूँ तो “भीष्म प्रतिज्ञ” नहीं !

मैं यूँ तो “भीष्म प्रतिज्ञ” नहीं, जो वचनों पर डटता आता ..
हाँ केशव सी निश्छलता में, ख़ुद को उसके सम्मुख पाता.
है अर्जुन जैसा ध्यान नहीं, जिसने था अविचल मन पाया,
मैं सपनों को बुनता आया, वो लक्ष्यों को धुनता आया .. .

– नीरज चौहान

Language: Hindi
573 Views
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