Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2024 · 1 min read

प्यार की परिभाषा

१७)
” प्यार की परिभाषा “

नारी बिन घर सूना-सूना लगता है
नारी से ही मकान घर बनता है
नारी से बच्चों की किलकारी है
नारी प्यारी सी फुलवारी है ।।

नारी से खाने में महक है
नारी से जीने की ललक है
शाम को लौट आने की लालसा है
कोई समझता है मुझे, ये भरोसा है।।

नारी से ही घर में बचत है
समाज में बनी इज़्ज़त है
सबके चेहरे का नूर है नारी
सबके दिल का सुकून है नारी ।।

नारी हर समस्या का समाधान है
नारी से रिश्तों में ख़ास पहचान है
निराशा में डूबे को एक आशा है
नारी तो प्यार की परिभाषा है ।।

नारी से चाहत हैं , तमन्ना है
दिलों पे राज करने की कामना है
नारी साहस है,जीने का भाव जगाती है
बिन नारी दुनियाँ वीरान हो जाती है।।

स्वरचित और मौलिक
उषा गुप्ता , इंदौर

1 Like · 19 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बढ़ती हुई समझ,
बढ़ती हुई समझ,
Shubham Pandey (S P)
जो दूरियां हैं दिल की छिपाओगे कब तलक।
जो दूरियां हैं दिल की छिपाओगे कब तलक।
सत्य कुमार प्रेमी
विश्व वरिष्ठ दिवस
विश्व वरिष्ठ दिवस
Ram Krishan Rastogi
फ़र्क़..
फ़र्क़..
Rekha Drolia
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
Rj Anand Prajapati
खुद को जानने में और दूसरों को समझने में मेरी खूबसूरत जीवन मे
खुद को जानने में और दूसरों को समझने में मेरी खूबसूरत जीवन मे
Ranjeet kumar patre
पाखंड
पाखंड
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तुम्ही बताओ आज सभासद है ये प्रशन महान
तुम्ही बताओ आज सभासद है ये प्रशन महान
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
*बहुत सौभाग्यशाली कोई, पुस्तक खोल पढ़ता है (मुक्तक)*
*बहुत सौभाग्यशाली कोई, पुस्तक खोल पढ़ता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
क्या होगा कोई ऐसा जहां, माया ने रचा ना हो खेल जहां,
क्या होगा कोई ऐसा जहां, माया ने रचा ना हो खेल जहां,
Manisha Manjari
अज़ल से इंतजार किसका है
अज़ल से इंतजार किसका है
Shweta Soni
क्षितिज पार है मंजिल
क्षितिज पार है मंजिल
Atul "Krishn"
पहले एक बात कही जाती थी
पहले एक बात कही जाती थी
DrLakshman Jha Parimal
बुंदेली दोहे- कीचर (कीचड़)
बुंदेली दोहे- कीचर (कीचड़)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जीवन का एक और बसंत
जीवन का एक और बसंत
नवीन जोशी 'नवल'
यादों के जंगल में
यादों के जंगल में
Surinder blackpen
सर सरिता सागर
सर सरिता सागर
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
खाली सूई का कोई मोल नहीं 🙏
खाली सूई का कोई मोल नहीं 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"काफ़ी अकेला हूं" से "अकेले ही काफ़ी हूं" तक का सफ़र
ओसमणी साहू 'ओश'
😊
😊
*प्रणय प्रभात*
2724.*पूर्णिका*
2724.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"वाकया"
Dr. Kishan tandon kranti
ओम साईं रक्षक शरणम देवा
ओम साईं रक्षक शरणम देवा
Sidhartha Mishra
वफा माँगी थी
वफा माँगी थी
Swami Ganganiya
आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान।
आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान।
Suryakant Dwivedi
अगर आपमें मानवता नहीं है,तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क
अगर आपमें मानवता नहीं है,तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क
विमला महरिया मौज
*मर्यादा*
*मर्यादा*
Harminder Kaur
इंद्रधनुषी प्रेम
इंद्रधनुषी प्रेम
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
सीख गुलाब के फूल की
सीख गुलाब के फूल की
Mangilal 713
अब तो ख़िलाफ़े ज़ुल्म ज़ुबाँ खोलिये मियाँ
अब तो ख़िलाफ़े ज़ुल्म ज़ुबाँ खोलिये मियाँ
Sarfaraz Ahmed Aasee
Loading...