मैं याद आऊँगा उस दिन
मैं याद आऊँगा उस दिन
मैं याद आऊँगा उस दिन
मैं याद आऊँगा उस दिन
जब डायरी के पन्ने पलटते हुए
वो सूखा गुलाब जमीन में गिर जाएगा
डायरी के दो पन्नो के बीच में उस
गुलाब के रखने का निशान दिख जाएगा
याद का एक झोंका तुम्हारे पास से गुजर जाएगा
मैं याद आऊँगा उस दिन
मैं याद आऊँगा उस दिन
मैं याद आऊँगा उस दिन
जब किसी पार्क में रेस्टॉरेंट या
टॉकीज़ की कार्नर की सीट पर
एक दूसरे के हाथ को पकड़े हुए
कसमो वादों की बात करते हुए
कोई प्रेमी युगल दिख जाएगा
मैं याद आऊँगा उस दिन
मैं याद आऊँगा उस दिन
मैं याद आऊँगा उस दिन
जब कहीं भी पहले प्यार की चर्चा सुनोगी
किसी की मोहब्बत का पर्चा पढ़ोगी
कोई अपने प्यार की कहानी सुनाएगा
या कोई बावला होकर एक
प्यार भरा गीत गुनगुनायेगा
यकीन मानो मेरी याद का हर लम्हा
वक़्त खुद ब खुद दोहराएगा
मैं याद आऊँगा उस दिन
मैं याद आऊँगा उस दिन
मैं याद आऊँगा उस दिन
जब तुम्हारे बच्चे तुमसे
प्यार के बारे में पूछेगे
क्या आपने भी किसी से
कसमे वादे किए थे
कुछ इस कदर पूछेगे
मैं याद आऊँगा उस दिन
पर एक बात याद रखना
मैं जब याद आऊँगा
पल भर के लिए खामोशियों की लहर आएगी
फिर एक अप्रत्याशित सी मुस्कान
तुम्हारे चेहरे में बिखर जाएगी
फिर उस लम्हे की याद
जैसे हम दोनों साथ ही है
एक साथ बिल्कुल पास
हां सच में साथ है
लेकिन अचानक वो याद गायब सी हो रही है
अरे ये क्या तुम्हारी आंखे नम हो गई हैं
मैंने कहा था न
मैं याद आऊँगा उस दिन
मैं याद आऊँगा उस दिन