मैं मजदूर नौजवान
?????
हिन्दू, सिख, ईसाई ना ही मुसलमान।
मैं हूँ एक मेहनतकश मजदूर नौजवान।
?
मेहनत मेरा धर्म है,मेहनत मेरी ईमान।
नित कर्मयोगी,परिश्रमी है मेरी पहचान।
?
मैं करता हूँ नित प्रतिदिन नव निर्माण।
मेरे हाथों में बसते हैं मेरे सब भगवान।
?
खून पसीने का खाता मैं परिश्रमी इंसान।
खुद पर मुझको है इतना गर्व अभिमान।
?
बंजर भूमि में भी डाल देता हूँ जान।
मुझ से लहलहाते खेत और खलिहान।
?
सृजन करता रास्ता मैं तोड़कर चट्टान।
मैं करता लोगों का हर मुश्किल आसान।
?
खुद अभाव में रहता सहता हर अपमान।
औरों के सुख-सुविधाओं में करता योगदान।
?
नहीं जुटा पाता अपने निर्वाहन का सामान।
सीने में नित सिसकता, सिकुड़ता मेरा सम्मान।
?
घर परिवार से दूर बसा शहर अनजान।
दो पैसा कमाने को दिल में लिए अरमान।
?
धुप में झुलसा,पसीने से भींगा परेशान।
माथे पर विषमताएं,विवशताएं का निशान।
?
मेरा शोषण करता ये पूंजीपति बेईमान।
पूरी मजदूरी पाता नहीं लगा कर अपनी जान।
?
मेरी मेहनत से सजता बंगला-कोठी आलीशान।
नित काँटों भरा मेरा जीवन चेहरे पर मुस्कान।
?
झेलता हूँ सर्दी,गर्मी,धूप,वर्षा,आंधी-तूफान।
मजबूत कंधा,सीना चौड़ा,जिस्म बना पाशान।
?
हर चुनौती का सामना करता जैसे शक्तिमान।
मेरे हौसले जज्बों से बना मेरा देश महान।
????—लक्ष्मी सिंह ??