Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 May 2024 · 1 min read

मैं भी साथ चला करता था

मैं भी साथ चला करता था, अब मेरी मजबूरी देखो
जिनके साथ रहा करता था, आज उन्हीं से दूरी देखो
मैं भी साथ चला करता था……………

जिनके काम किए हैं मैने, छोड़ के अपने काम सुनो
पड़ जाता है उनसे काम तो, उनके काम जरूरी देखो
मैं भी साथ चला करता था……………

मेरी मेहनत रंग ना लाई, या किस्मत का मारा हूँ मैं
वो बन गए बड़े साहब और, अपनी जी हजूरी देखो
मैं भी साथ चला करता था…………..

मेरी किस्मत साथ न दे तो, इसमें दोष कहाँ है मेरा
वे खाते हैं साही पनीर और, मेरी किचन अधूरी देखो
मैं भी साथ चला करता था………….

उनके रिश्ते दौलत वालों से, मैं गाँव में प्रीत बढ़ाता
जाहिल हो गए लोग गाँव के, उनकी ये दस्तूरी देखो
मैं भी साथ चला करता था…………..

मिलने को भी जाओगे तो, सोचेंगे ये कैसे आ गया
‘V9द” हकीकत छुपी कहाँ, चेहरे इनके बेनूरी देखो
मैं भी साथ चला करता था…………..

स्वरचित
V9द चौहान

2 Likes · 113 Views
Books from VINOD CHAUHAN
View all

You may also like these posts

HOW MANY TIME , ONE GETS UP AND WALK AGAIN.
HOW MANY TIME , ONE GETS UP AND WALK AGAIN.
Atul "Krishn"
रामभक्त हनुमान
रामभक्त हनुमान
Seema gupta,Alwar
मानव पहले जान ले,तू जीवन  का सार
मानव पहले जान ले,तू जीवन का सार
Dr Archana Gupta
गंतव्य में पीछे मुड़े, अब हमें स्वीकार नहीं
गंतव्य में पीछे मुड़े, अब हमें स्वीकार नहीं
Er.Navaneet R Shandily
साहित्य सृजन .....
साहित्य सृजन .....
Awadhesh Kumar Singh
अभी तो कुछ बाकी है
अभी तो कुछ बाकी है
Meera Thakur
प्रेम
प्रेम
Shyam Sundar Subramanian
जिंदगी कि सच्चाई
जिंदगी कि सच्चाई
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दिल कहे..!
दिल कहे..!
Niharika Verma
*राम पंथ अति उत्तम सतपथ*
*राम पंथ अति उत्तम सतपथ*
Rambali Mishra
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
मंत्र: श्वेते वृषे समारुढा, श्वेतांबरा शुचि:। महागौरी शुभ दध
मंत्र: श्वेते वृषे समारुढा, श्वेतांबरा शुचि:। महागौरी शुभ दध
Harminder Kaur
खुद को भी
खुद को भी
Dr fauzia Naseem shad
हर मनुष्य के अंदर नेतृत्व की भावना होनी चाहिए।
हर मनुष्य के अंदर नेतृत्व की भावना होनी चाहिए।
Ajit Kumar "Karn"
इन रेत के टुकडों से तुम दिल बना ना पाये।
इन रेत के टुकडों से तुम दिल बना ना पाये।
Phool gufran
■ मानवता से दानवता की ओर जाना काहे का विकास?₹
■ मानवता से दानवता की ओर जाना काहे का विकास?₹
*प्रणय*
*श्री रामप्रकाश सर्राफ*
*श्री रामप्रकाश सर्राफ*
Ravi Prakash
ख्याल (कविता)
ख्याल (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
"बहरापन"
Dr. Kishan tandon kranti
कन्या भ्रूण हत्या
कन्या भ्रूण हत्या
Sudhir srivastava
दोहा
दोहा
seema sharma
निपट अनाड़ी बालमा, समझ न पाया बात ।
निपट अनाड़ी बालमा, समझ न पाया बात ।
sushil sarna
"नव वर्ष मंगलमय हो"
राकेश चौरसिया
#Kab tak
#Kab tak
"एकांत "उमेश*
बनारस के घाटों पर रंग है चढ़ा,
बनारस के घाटों पर रंग है चढ़ा,
Sahil Ahmad
तमाम उम्र काट दी है।
तमाम उम्र काट दी है।
Taj Mohammad
मन की डोर
मन की डोर
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
अपना पीछा करते करते
अपना पीछा करते करते
Sangeeta Beniwal
#आ अब लौट चलें
#आ अब लौट चलें
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
आशा का दीप
आशा का दीप
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
Loading...