मैं भारत का संविधान हूं ।
मैं भारत का संविधान हूं ।
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गणतंत्र का सजग प्रहरी…
मैं भारत का संविधान हूं ।
समानता का पाठ पढ़ाता ,
मैं विस्तृत हिन्द-वितान हूं ।।
हम भारत के लोग….से करता
आगाज़ , मैं वही विधान हूं ।
गणतंत्र का सजग प्रहरी…….
मैं भारत का संविधान हूं ।।
सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न बनाता,
मैं भारत का अभिमान हूं ।
समाजवाद का प्रबल समर्थक ,
पंथनिरपेक्षता का सम्मान हूं ।
गणतंत्र का सजग प्रहरी……
मैं भारत का संविधान हूं ।।
लोकतंत्र का सदैव प्रहरी ,
गणराज्य का प्रतिमान हूं ।
त्रिविध न्याय समाहित रखता ,
मैं न्याय से शक्तिमान हूं ।
गणतंत्र का सजग प्रहरी……
मैं भारत का संविधान हूं ।।
विचार , अभिव्यक्ति, विश्वास , धर्म ,
उपासना का अधिमान हूं ।
प्रतिष्ठा , अवसर की समता ,
गरिमा का संधान हूं ।
राष्ट्रीय एकता और अखंडता ,
बंधुता का प्रमाण हूं ।
गणतंत्र का सजग प्रहरी
मैं भारत का संविधान हूं ।।
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– डॉ० प्रदीप कुमार “दीप”