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19 Aug 2023 · 1 min read

मैं नहीं हो सका, आपका आदतन

मैं नहीं हो सका, आपका आदतन
दूरियाँ ही रहीं, जाने क्यों फ़ितरतन
काश! ऐ अजनबी, फिर मिलें हम कहीं
हाय! क्यों हो गया, आपका दफ़’अतन
– महावीर उत्तरांचली

1 Like · 426 Views
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