मैं नमन करु
मैं नमन करूँ उन फ़ौजी को जो हुआ करते तैनात है
सिर्फ सरहद की बात हैं,वतन की बात हैं,वर्दी की बात हैं।
भाई लकिरों ने बटँवारा किया तब दुश्मन सी आग है
छाती पर लगा मैडल जब हो देश चिन्ह,अलग ही सौगात है।
दुआ तो यही रहती है ,भाई तू सौ साल जिये
सर कटे,कफन चढ़े,तेरे गलत अंजाम से मेरा घात है।
जठर,जलमय जीवन ज्वलप्रपात जलजलाहट है
वतन अलग-अलग है सबके यही जज़्बात है।
दस फुट की दूरी तू रक्षक मातृभूमी का,मैं रक्षक मातृभूमी का
कहा था मैने लकीरों ने बंटवारा किया,दोनो की एक ही बात है अलग हालात है।