मैं तो महज बुनियाद हूँ
मैं तो महज बुनियाद हूँ
जैसी बनाओ वैसी बनूंगी
हद है मेरी वही तक रहूंगी
मैं तो महज बुनियाद हूँ
जहाँ कहीं होती हूँ गहरी
मुझपे इमारत लम्बी ठहरी
मैं तो महज बुनियाद हूँ
कमजोर नींव उड़ जाते हैं
नाम औरनिशां नहीं पाते है
मैं तो महज बुनियाद हूँ
जरूरी है मुझपे ध्यान देना
देते हो भार तो सम्मान देना
मैं तो महज बुनियाद हूँ
V9द चाहे कुछ और ना हो
शिक्षा की नींव कमजोर ना हो
मैं तो महज बुनियाद हूँ