मैं तो महज पहचान हूँ
मैं तो महज पहचान हूँ
गूंगे की बहरे की
दुल्हे के सेहरे सी
मैं तो महज पहचान हूँ
महकता सा पर्व मैं
हर किसी का गर्व मैं
मैं तो महज पहचान हूँ
हर किसी की चाह मैं
ना मिलूँ तो आह मैं
मैं तो महज पहचान हूँ
किसी का हुनर हूँ
संगीत हूँ या सुर हूँ
मैं तो महज पहचान हूँ
अच्छी हूँ कि बुरी हूँ
मगर V9द मैं खरी हैं
मैं तो महज पहचान हूँ