मैं तूफान हूँ जिधर से गुजर जाऊँगा
मैं तूफान हूँ जिधर से गुजर जाऊँगा
बस तबाही का मंजर मैं कर जाऊँगा
ढ़ूंढोगे निशां पर मिलेंगे कहाँ
तोड़कर सब कुछ मैं यूँ बिखर जाऊँगा
मैं तूफान हूँ…………
मैं आऊँ तो सन्नाटा पसर जाता है
मैं जाऊँ तो हर कोई सिहर जाता है
कोई रोके तो हाथ भला कहाँ आऊँगा
मैं तूफान हूँ………….
कुछ ना बिगाड़ पाऊँ ना कोई यमदूत
बना ले अगर V9द खुद को मजबूत
मैं गरज-बरस कर इधर से उधर जाऊँगा
मैं तूफान हूँ…………..