Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Feb 2024 · 1 min read

मैं चाहती हूँ

मैं चाहती हूँ
तुम छोड़ दो
अपने माता- पिता,
भाई -बहन,मित्र- सखा,,सभी
क्यूँकि
मैं चाहती हूँ
तुम बिछड़ने का वही दुःख भोगो
जो मैं भोग रही हूँ।

1 Like · 164 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shweta Soni
View all
You may also like:
"धोखा"
Dr. Kishan tandon kranti
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
हरियाली तीज....
हरियाली तीज....
Harminder Kaur
मतिभ्रष्ट
मतिभ्रष्ट
Shyam Sundar Subramanian
👌सीधी सपाट👌
👌सीधी सपाट👌
*प्रणय*
अल्प इस जीवन में
अल्प इस जीवन में
Dr fauzia Naseem shad
गाँव का दृश्य (गीत)
गाँव का दृश्य (गीत)
प्रीतम श्रावस्तवी
कविता ---- बहते जा
कविता ---- बहते जा
Mahendra Narayan
मित्र
मित्र
Dhirendra Singh
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
" हमारी टिप्पणियाँ "
DrLakshman Jha Parimal
"डोली बेटी की"
Ekta chitrangini
नयन प्रेम के बीज हैं,नयन प्रेम -विस्तार ।
नयन प्रेम के बीज हैं,नयन प्रेम -विस्तार ।
डॉक्टर रागिनी
माटी
माटी
AMRESH KUMAR VERMA
" आज़ का आदमी "
Chunnu Lal Gupta
मैं अंधियारों से क्यों डरूँ, उम्मीद का तारा जो मुस्कुराता है
मैं अंधियारों से क्यों डरूँ, उम्मीद का तारा जो मुस्कुराता है
VINOD CHAUHAN
Happy Father's Day
Happy Father's Day
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कैसे करें इन पर यकीन
कैसे करें इन पर यकीन
gurudeenverma198
परिवार
परिवार
डॉ० रोहित कौशिक
.
.
Ankit Halke jha
*आज छठी की छटा निराली (गीत)*
*आज छठी की छटा निराली (गीत)*
Ravi Prakash
देश आपका जिम्मेदारी आपकी
देश आपका जिम्मेदारी आपकी
Sanjay ' शून्य'
एक सांप तब तक किसी को मित्र बनाकर रखता है जब तक वह भूखा न हो
एक सांप तब तक किसी को मित्र बनाकर रखता है जब तक वह भूखा न हो
Rj Anand Prajapati
इश्क जितना गहरा है, उसका रंग उतना ही फीका है
इश्क जितना गहरा है, उसका रंग उतना ही फीका है
पूर्वार्थ
3362.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3362.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
దీపావళి కాంతులు..
దీపావళి కాంతులు..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
धर्मराज
धर्मराज
Vijay Nagar
*ऋषि नहीं वैज्ञानिक*
*ऋषि नहीं वैज्ञानिक*
Poonam Matia
* लक्ष्य सही होना चाहिए।*
* लक्ष्य सही होना चाहिए।*
नेताम आर सी
जब-जब निज माता को छोड़,
जब-जब निज माता को छोड़,
पंकज कुमार कर्ण
Loading...