Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2024 · 1 min read

मैं घर आंगन की पंछी हूं

मैं घर आंगन की पंछी हूं
उड़ने की चाहत है मेरी
पर पंख कतरने की आदत
क्यों जालिम दुनिया है तेरी?
उन्मुक्त गगन को छूना है
बस यही आरजू है मेरी
शूल बिछे हों राहों में
रुकने की फितरत ना मेरी।
माता पिता के अरमानों को
पूरा करना चाहती हूं
लक्ष्य साधने की खातिर
मैं मस्त मगन हो जाती हूं।
जब सपने सच हो जाते हैं
तब गीत खुशी के गाती हूं
कभी शिक्षिका कभी डॉक्टर
कभी नर्स कहलाती हूं।
होठों पर मुस्कान लिए
जब ड्यूटी करने जाती हूं
पड़े नजर शैतानों की
मैं घुट घुट कर मर जाती हूं।
मुझको भी अधिकार मिला है
आजादी से जीने का
पर किस से अभिव्यक्त करूं
मैं अपना दुखड़ा सीने का?

Language: Hindi
2 Likes · 128 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
#पैरोडी-
#पैरोडी-
*प्रणय*
कैसा फसाना है
कैसा फसाना है
Dinesh Kumar Gangwar
बो बहाता नहींं हैं वो पी लेता हैं दर्द में आंसुओ के समुद्र क
बो बहाता नहींं हैं वो पी लेता हैं दर्द में आंसुओ के समुद्र क
Ranjeet kumar patre
भले दिनों की बात
भले दिनों की बात
Sahil Ahmad
चाहे मेरे भविष्य मे वह मेरा हमसफ़र न हो
चाहे मेरे भविष्य मे वह मेरा हमसफ़र न हो
शेखर सिंह
फ़ना से मिल गये वीरानियों से मिल गये हैं
फ़ना से मिल गये वीरानियों से मिल गये हैं
Rituraj shivem verma
"जय जवान जय किसान" - आर्टिस्ट (कुमार श्रवण)
Shravan singh
ग़ज़ल(गुलाबों से तितली करे प्यार छत पर —)————————–
ग़ज़ल(गुलाबों से तितली करे प्यार छत पर —)————————–
डॉक्टर रागिनी
"पसंद और प्रेम"
पूर्वार्थ
हे मानव! प्रकृति
हे मानव! प्रकृति
साहित्य गौरव
*योग-दिवस (बाल कविता)*
*योग-दिवस (बाल कविता)*
Ravi Prakash
अपनी मसरूफियत का करके बहाना ,
अपनी मसरूफियत का करके बहाना ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
युवा आज़ाद
युवा आज़ाद
Sanjay ' शून्य'
*SPLIT VISION*
*SPLIT VISION*
Poonam Matia
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
हर इक रंग बस प्यास बनकर आती है,
हर इक रंग बस प्यास बनकर आती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
എന്റെ കണ്ണൻ
എന്റെ കണ്ണൻ
Heera S
3635.💐 *पूर्णिका* 💐
3635.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
उम्र गुजर जाती है किराए के मकानों में
उम्र गुजर जाती है किराए के मकानों में
करन ''केसरा''
दुखा कर दिल नहीं भरना कभी खलिहान तुम अपना
दुखा कर दिल नहीं भरना कभी खलिहान तुम अपना
Dr Archana Gupta
ये अश्क भी बे मौसम बरसात हो गए हैं
ये अश्क भी बे मौसम बरसात हो गए हैं
Gouri tiwari
"विस्तार"
Dr. Kishan tandon kranti
चांद अब हम तेरा दीदार करेगें
चांद अब हम तेरा दीदार करेगें
Dr.Priya Soni Khare
मैं हूँ आज यहाँ दूर
मैं हूँ आज यहाँ दूर
gurudeenverma198
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
Ashwini sharma
इंसानियत की लाश
इंसानियत की लाश
SURYA PRAKASH SHARMA
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सच दिखाने से ना जाने क्यों कतराते हैं लोग,
सच दिखाने से ना जाने क्यों कतराते हैं लोग,
Anand Kumar
221/2121/1221/212
221/2121/1221/212
सत्य कुमार प्रेमी
अदा बोलती है...
अदा बोलती है...
अश्क चिरैयाकोटी
Loading...